शत्रु दमन मंत्र
ॐ नमो हनुमंत बलवंत, माता अंजनी पुत्र, हल हलन्त आओ चढंत, आओ गढ़ किल्ला तोरन्त आओ, लंका जाल बाल भस्म करि आओ, ले लाँगू लंगूर ते लपटाय सुमिरते पटका, औचन्द्री चन्द्रावली भवानी मिल गावै मंगलचार, जीत राम लक्ष्मण हनुमान जी आओ जी तुम जाओ सात पान का बीड़ा चाबत, मस्त सिंदूर चढ़ो आओ, मंदोदरी के सिंहासन डुलन्ता आओ यहं आओ हनुमान माया जाग तें नरसिंह माया आगे भैरों किल्किलाय ऊपर हनुमन्त गाजै, दुर्जन को मार दुष्ट को मार संहार, राजा हमारे सतगुरु, हम सतगुरु के बालक, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा ।
विधि : सर्वप्रथम किसी शुभ मंगलवार के दिन नहा धोकर एकांत पवित्र स्थान में हनुमान जी का चित्र रखें और उनकी पूजा करे। तत्पश्चात इस मंत्र की एक माला का जप करे । यह क्रम दैनिक पूजा के रूप में २१ दिनों तक चलना चाहिए । इस अवधि में साधक पूर्ण संयम, पवित्रता, ब्रह्मचार्य और निष्ठापूर्वक रहे। सात्विक विचार रखे । हनुमान जी मनन चिंतन करे । पूजा में सात लडडू और सात पान के बीड़े नैवेद्य के रूप में अर्पित करे। २१ आहुतियां देकर हवन करे। नियमपूर्वक २१ दिन करने पर मंत्र पूर्ण शक्तिकृत हो जायेगा ।
मंत्र सिद्धि के बाद आप इसे प्रतिदिन १०८ बार नियमपूर्वक पढ़कर अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं । शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा । हनुमान जी सदैव आपकी रक्षा करेंगें ।
Hanuman ji |
विधि : सर्वप्रथम किसी शुभ मंगलवार के दिन नहा धोकर एकांत पवित्र स्थान में हनुमान जी का चित्र रखें और उनकी पूजा करे। तत्पश्चात इस मंत्र की एक माला का जप करे । यह क्रम दैनिक पूजा के रूप में २१ दिनों तक चलना चाहिए । इस अवधि में साधक पूर्ण संयम, पवित्रता, ब्रह्मचार्य और निष्ठापूर्वक रहे। सात्विक विचार रखे । हनुमान जी मनन चिंतन करे । पूजा में सात लडडू और सात पान के बीड़े नैवेद्य के रूप में अर्पित करे। २१ आहुतियां देकर हवन करे। नियमपूर्वक २१ दिन करने पर मंत्र पूर्ण शक्तिकृत हो जायेगा ।
मंत्र सिद्धि के बाद आप इसे प्रतिदिन १०८ बार नियमपूर्वक पढ़कर अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं । शत्रु आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा । हनुमान जी सदैव आपकी रक्षा करेंगें ।
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