Teaching of solution astrology and tantra shatkarma is also available

Marakshanand Prabhu, the spiritual guide and activist
WhatsApp: +1-818-396-9387
Email: shabarmantraonline@gmail.com

Vedic Astrology

Vedic Astrology belongs to hindu mythology and generally in sanskrit language. It is an ancient system of astrology originated in India. This ancient science has been practiced in India since thousands of years. Vedic Astrology is called “Jyotish” in Hindi which is a part of Vedas (ancient Indian Hindu scripts).

यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युथानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् |
परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च: दुष्कृताम, धर्मं संस्थापनार्थाय सम्भावामी युगे युगे ||

यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत, अभ्युथानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् |
हे भारत! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ही मैं अपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप से लोगों के सम्मुख प्रकट होता हूँ |

परित्राणाय साधुनाम विनाशाय च: दुष्कृताम, धर्मं संस्थापनार्थाय सम्भावामी युगे युगे ||
साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट हुआ करता हूँ |
---------------------------

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन ।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि ॥

तेरा कर्म करने में ही अधिकार है, उसके फलों में कभी नहीं। इसलिए तू कर्मों के फल हेतु मत हो तथा तेरी कर्म न करने में भी आसक्ति न हो।

सरल शब्दों में
कर्म करना ही तेरा अधिकार है। कर्म-फल पर तेरा अधिकार नही है। इसलिए तू कर्म-फल की चिंता न कर, कर्म का त्याग न कर और कर्म किए जा। फल देना मेरा काम है।